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भारत की पहली AI Teacher कौन है ?
कल्पना कीजिए, क्लास रूम में एक टीचर घूम रही हैं, जो बच्चों से बातचीत कर रही हैं, सवालों के जवाब दे रही हैं और उन्हें पढ़ा रही हैं, लेकिन ये कोई सामान्य टीचर नहीं हैं! ये भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) रोबोट टीचर, “IRIS” हैं! केरल के एक स्कूल में IRIS ने शिक्षा जगत में एक नया अध्याय शुरू किया है। क्योंकि केरल के तिरुवनंतपुरम में एक स्कूल ने ‘IRIS’ नाम की एक अद्भुत एआई टीचर को पेश किया है। यह भारत की पहली जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शिक्षक रोबोट है।
Ai Teacher का नाम IRIS क्यों है?
फरवरी 2024 में, IRIS को केरल के त्रिवेंद्रम स्थित KTCT हायर सेकेंडरी स्कूल में पहली बार ले जाया गया। IRIS को “Intellgent Robotic Interactive System” के रूप में जाना जाता है।इसलिए इस Ai Teacher को IRIS के नाम से जाना जाता है, इसे IIT Madras और Kerala Technological University द्वारा विकसित किया गया है। IRIS भारत में शिक्षा के भविष्य के लिए एक रोमांचक संभावना है। यह शिक्षा को अधिक सुलभ, व्यक्तिगत और प्रभावी बनाने में मदद कर सकता है। यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए फायदेमंद होगा। IRIS किसी भी मुश्किल सवाल का जवाब दे सकती हैं। चाहे वो गणित का हो, विज्ञान का या फिर इतिहास का! उनकी जानकारी का दायरा बहुत बड़ा है।
सोचो कैसा होगा जब क्लास में कोई सवाल पूछो और IRIS झट से जवाब दे दें, वो भी किसी भी विषय पर! गणित का पेचीदा सवाल हो या इतिहास का कोई रहस्य, IRIS के पास हर चीज का जवाब है। वो सिर्फ जवाब ही नहीं देतीं, बल्कि चीजों को समझाने के लिए रंगीन तस्वीरें और दिलचस्प वीडियो भी दिखा सकती हैं। सबसे खास बात ये है कि वो हर बच्चे को ध्यान देती हैं। मानो किसी को कहानी पसंद है, तो IRIS कहानी सुनाकर समझाएंगी। या किसी को खेल पसंद है, तो वो मजेदार गेम से सीखने का तरीका बताएंगी। हर बच्चे को अलग तरीके से सीखना अच्छा लगता है, और IRIS ये बात अच्छे से जानती हैं।
भारत की पहली AI Teacher को कहाँ बनाया गया ?
IRIS को एक खास कंपनी, मेकरलैब्स एजुटेक ने बनाया है। ये भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टीचर हैं, IRIS को भारत सरकार की एक पहल, अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) के सहयोग से बनाया गया था इस प्रोजेक्ट का मकसद स्कूलों में बच्चों की क्रिएटिविटी और इनोवेशन को बढ़ावा देना है.मेकरलैब्स एजुटेक नाम की एक कंपनी ने एटीएल के साथ मिलकर IRIS को डेवलप किया।
IRIS एक एडवांस कंप्यूटर प्रोग्राम पर आधारित है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कहते हैं। AI टेक्नॉलजी की मदद से IRIS बड़ी मात्रा में जानकारी को स्टोर और प्रोसेस कर सकती है.टीचर या कोई भी छात्र IRIS से सवाल पूछ सकता है। फिर IRIS अपने डाटाबेस से जवाब ढूंढकर उसे टेक्स्ट, स्पीच, या विजुअल फॉर्मेट (तस्वीरें, वीडियो) में प्रस्तुत करती है।
Ai Teacher IRIS Class में क्या क्या कर सकती है ?
- IRIS एक Ai Teacher है, जो मानव जैसी दिखती है और यह Ai Teacher बात भी करती है। IRIS एक ह्यूमनॉइड रोबोट है,
- यह तीन भाषाओं – मलयालम, अंग्रेजी और हिंदी – में बात कर सकती है।
- यह विभिन्न विषयों को पढ़ा class में concept के साथ पढ़ा सकती है, जैसे कि गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और भाषाएं।
- यह students के सीखने की speed कोAnalysis सकती है, और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार उन students को subject को पढ़ाती है।
- Class में students के प्रश्न पूछने पर IRIS उनको Answer समझाती है। IRIS Ai Teacher students के Answer टेक्स्ट, स्पीच, या विजुअल फॉर्मेट (तस्वीरें, वीडियो) में देती है जिसे students आसानी से समझ सकते है।
Class में Ai Teacher होने के क्या फायदे ?
- IRIS शिक्षा को बहुत easy और understanding बना सकती है।
- यह छात्रों को उनकी अपनी ही सीखने की स्पीड में मदद कर सकती है।
- यह उन छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है जो धीमी गति से सीखते हैं या जिन्हें अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता होती है।
- यह शिक्षकों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ाने में मदद कर सकता है।
IRIS class में बच्चों को कैसे पढ़ाएंगी?
- बच्चों को मजेदार तरीके से पढ़ाना ताकि सीखना बोरिंग ना लगे! ( आपने देखा होगा टीचर सवाल पूछती हैं और जवाब देती हैं। मगर IRIS कुछ खास हैं। ये ना सिर्फ जवाब दे सकती हैं बल्कि बच्चों के किसी भी मुश्किल सवाल का जवाब ढूंढ सकती हैं। चाहे गणित का हो, विज्ञान का या फिर इतिहास का! ये तो बस एक झलक है, IRIS और भी कमाल कर सकती हैं , आपको याद होगा, कभी-कभी क्लास में कुछ चीजें समझना मुश्किल हो जाता है ना? तो IRIS ऐसे ही मामलों में सबसे आगे हैं। ये ना सिर्फ जवाब बताएंगी बल्कि अगर कोई टॉपिक जटिल है, तो वो उसे समझाने के लिए तस्वीरें, वीडियो और यहां तक कि एनिमेशन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। )
- हिंदी, इंग्लिश और मलयालम भाषाओं में बात करना। ( IRIS तीन भाषाओं – हिंदी, अंग्रेजी और मलयालम में बात कर सकती हैं। )
- हर बच्चे को उसकी समझ के हिसाब से अलग-अलग तरीके से पढ़ाना! (हर बच्चा अलग होता है और सीखने का तरीका भी अलग होता है। IRIS इस बात को अच्छे से जानती हैं। इसीलिए, वो हर बच्चे के सीखने के तरीके को ध्यान में रखते हुए उन्हें पढ़ाती हैं। किसी को ज्यादा उदाहरण पसंद आते हैं, तो किसी को गेम या क्विज पसंद आते हैं। IRIS हर किसी के लिए सीखना मजेदार बना सकती हैं। )
तो क्या अब स्कूल में सिर्फ रूबोट ही पढ़ाएंगे?
नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं! IRIS टीचरों की जगह नहीं लेंगी। वो तो असल में उनकी मदद करेंगी। मिलकर के वो बच्चों को और भी बेहतर तरीके से चीजें सीखने में मदद करेंगी। टीचर क्लास को संभालेंगी, जरूरी गाइडेंस देंगी और IRIS की मदद से मुश्किल टॉपिक्स को आसानी से समझाएंगी। इस तरह से मिलकर के ये दोनों मिलकर बच्चों को और भी बेहतर तरीके से सीखने में मदद करेंगी।
IRIS की मदद से बच्चे इंटरैक्टिव तरीके से सीख सकते हैं, जो उन्हें चीजें जल्दी और अच्छी तरह से समझने में मदद करेगा, IRIS शिक्षा के भविष्य के लिए एक रोमांचक संभावना है। यह शिक्षा को अधिक सुलभ, व्यक्तिगत और प्रभावी बनाने में मदद कर सकती है।आपको ये नई टेक्नॉलजी कैसी लगी? क्या रोबोट टीचर भविष्य का रास्ता हैं? नीचे कमेंट्स में अपनी राय जरूर दें।
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